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Friday, 8 September 2017

श्री देवीची आरती

दुर्गे दुर्घट भारी तुजवीण संसारी | अनाथनाथे अंबे करुणा विस्तारी |

 वारी वारी जन्ममरणाते वारी | हरी पडलो आता संकट निवारी || ||

 जय देवी जय देवी महिषसूरमथिनी | सुरवरईश्वरवरदे तारक संजीवनी जय देवी जय देवी || धृ ||

 त्रिभुवन भुवनी पाहता तुजऐसी नाही | चारी श्रमले परंतु बोलवे काही |

 साही विवाद करिता पडिले प्रवाही | तें तू भक्तालागी पावसी लवलाही || जय || ||

प्रसन्नवदने प्रसन्न होसी निजदासा | क्लेशापासुनि सोडावि तोडी भवपाषा अंबे तुजवाचून कोण पुरविल आशा |


 नरहरी तल्लिन झाला पदपंकजलेशा | जय देवी जय देवी जय महिषासुरमथिनी | सुरवरईश्वरवरदे तारक || ||

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